मन का विश्वास ! लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती | नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है , चढ़ती दीवारों पर , सौ बार फिसलती है | मन का विश्वास रगो मै साहस भरता है , चढ़कर गिरना , गिरकर चढ़ना न अखरता है | आखिर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती , कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती | डुबकियां सिंधु मे गोताखोर खुब लगाता है , जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है | मिलते नहीं सहज हीं मोती पानी मे , बढ़ता दुगुना उत्साह इसी हैरानी मे | मुट्ठी उसकी हर बार खली नहीं होती, कोशिश करने वालो की कभी हार नहीं होती | असफलता एक चुनौती हे ,इसे स्वीकार करो...
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