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क्षण भर को क्यों प्यार किया था? -

              क्षण भर को क्यों प्यार किया था?











क्षण भर को क्यों प्यार किया था ?
अर्द्ध रात्रि मे सहसा उठकर ,
पलक संपुतो में मदिरा भर
तुमने क्यों मेरे चरणों मे अपना तन -मन वार दिया था?
क्षण भर को क्यों प्यार किया था?
यह अधिकार कहाँ से लाया?
और न कुछ मैं कहने पाया-
मेरे अधरों पर निज अधरों का तुमने रख भार दिया था!
क्षण भर को क्यों प्यार किया था?
वह क्षण अमर हुआ जीवन में,
आज राग जो उठता मन में-
यह प्रतिध्वनि उसकी जो उर में तुमने भर उदगार दिया था|
क्षण भर को क्यों प्यार किया था?
-हरिवंश राय बच्चन



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सीख ! ( अनमोल वचन )   बोल सको तो मीठा बोलो ,कटु बोलना मत सीखो ||  बता सको तो राह बताओ ,पथ भटकाना मत सीखो ||  जला सको तो दिप जलाओ ,दिल जलाना मत सीखो ||  कमा सको तो पुण्य कमाओ ,पाप कमाना मत सीखो ||  लगा सको तो बाग लगाओ ,आग लगाना मत सीखो ||  छोड़ सको तो पाप  छोड़ो ,चरित्र छोड़ना मत सीखो ||  पा सको तो प्यार पाओ ,तिरस्कार पाना मत सीखो ||  रख सको तो विद्या रखो ,बुराई को रखना मत सीखो ||  पोंछ सको तो आँसू पोछो ,दिल को दुखाना मत सीखो ||  हँसा सको तो सबको हँसाओ ,किसी पे हंसना मत सीखो || 
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