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सीख !

(अनमोल वचन) 








बोल सको तो मीठा बोलो ,कटु बोलना मत सीखो || 
बता सको तो राह बताओ ,पथ भटकाना मत सीखो || 
जला सको तो दिप जलाओ ,दिल जलाना मत सीखो || 
कमा सको तो पुण्य कमाओ ,पाप कमाना मत सीखो || 
लगा सको तो बाग लगाओ ,आग लगाना मत सीखो || 
छोड़ सको तो पाप  छोड़ो ,चरित्र छोड़ना मत सीखो || 
पा सको तो प्यार पाओ ,तिरस्कार पाना मत सीखो || 
रख सको तो विद्या रखो ,बुराई को रखना मत सीखो || 
पोंछ सको तो आँसू पोछो ,दिल को दुखाना मत सीखो || 
हँसा सको तो सबको हँसाओ ,किसी पे हंसना मत सीखो || 



















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आ रही रवि की सवारी कविता

                             आ रही रवि की सवारी! नव किरण का रथ सजा है,  कलि-कुसुम से पथ सजा है , बादलों से अनुचरों ने स्वर्ण  पोशाक धारी आ रही रवि की सवारी! विहग बंदी और चारण, गा रहे हैं कीर्ति  गायन, छोड़कर मैदान भागी तारकों की फौज सारी! आ रही रवि की सवारी! चाहता,उछलूँ विजय कह, पर देखकर ठिठकता यह, रात का राजा खडा़ है राह में बनकर भिखारी! आ रही रवि की सवारी! -हरिवंश राय बचन
                                                        अनमोल वचन                           "असफलता  एक  चुनौती  है ,स्वीकार  करो  क्या  कमी  रह  गयी , देखो  और  सुधार  करो  जब  तक  न  सफल  हो , नींद  चैन  को  त्यागो  तुम  संघर्ष  का  मैदान   छौड़  मत  भागो  तुम   कुछ  किये  बिना  ही  जय  जयकार  नहीं  होती  कोशिश  करने   वालों  की  हार  नहीं  होती " -हरिवंशराय  बच्चन