Skip to main content

Posts

Showing posts from June, 2018

आ रही रवि की सवारी कविता

                             आ रही रवि की सवारी! नव किरण का रथ सजा है,  कलि-कुसुम से पथ सजा है , बादलों से अनुचरों ने स्वर्ण  पोशाक धारी आ रही रवि की सवारी! विहग बंदी और चारण, गा रहे हैं कीर्ति  गायन, छोड़कर मैदान भागी तारकों की फौज सारी! आ रही रवि की सवारी! चाहता,उछलूँ विजय कह, पर देखकर ठिठकता यह, रात का राजा खडा़ है राह में बनकर भिखारी! आ रही रवि की सवारी! -हरिवंश राय बचन